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शनिवार, 26 अप्रैल 2025

पूज्य भागवत जी का श्रद्धांजलि संदेश


        आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया:
1.निंदा और संवेदना: पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ आतंकी हमला "अत्यंत निंदनीय और संतापजनक" है। उन्होंने मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
2.राष्ट्रीय एकता पर हमला: 
इस हमले को देश की एकता और अखंडता पर प्रहार बताया गया, जो एक गंभीर चुनौती है।
3.राजनीतिक एकजुटता का आह्वान : सभी राजनीतिक दलों और संस्थाओं से मतभेदों को भुलाकर इस हमले की एकजुट होकर निंदा करने का आग्रह किया गया।
4. सरकारी कार्रवाई :सरकार से पीड़ितों और उनके परिवारों की सहायता के लिए त्वरित व्यवस्था करने और हमले के जिम्मेदार लोगों को दंडित करने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की गई
हमले का विवरण
 22 अप्रैल 2025 को, पहलगाम के बैसरण घाटी में पांच आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। इस हमले में 20 से अधिक लोग घायल हुए। आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), जो लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक सहयोगी है, ने हमले की जिम्मेदारी ली।
आतंकियों की रणनीति
हमलावरों ने हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया, धर्म पूछकर और पहचान पत्र जांचकर हमला किया, जिसे कश्मीर घाटी में जनसांख्यिकीय परिवर्तन के खिलाफ एक कदम बताया गया।
सरकारी प्रतिक्रिया: 
भारत सरकार ने हमले के बाद कई कदम उठाए, जिसमें पाकिस्तान के साथ 1960 के सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी-वाघा सीमा बंद करना, और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना शामिल है।[
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, और श्रीलंका जैसे देशों ने हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की।
आरएसएस प्रमुख का बयान न केवल हमले की निंदा करता है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता और सख्त कार्रवाई पर जोर देता है। यह बयान उस समय आया जब भारत ने पाकिस्तान पर "सीमा पार आतंकवाद" को समर्थन देने का आरोप लगाया, जिसे पाकिस्तान ने खारिज किया। यह बयान राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर एकजुटता का संदेश देता है, जो इस संकट के समय में महत्वपूर्ण है।

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