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बुधवार, 23 अप्रैल 2025

अब रिटेलीएट करने का वक्त आ चुका है जी हां, भारत को इज़राइल बनना ही होगा।

          फोटो अमर उजाला से 
अब रिटेलीएट करने का वक्त आ चुका है जी हां, भारत को इज़राइल बनना ही होगा। चाहे वह भारत में आंतरिक फ्रंट हो या सीमावर्ती क्षेत्र। 
  पहलगाम आतंकी हमले को पाकिस्तान द्वारा सैन्य हमला मानकर वैश्विक समुदाय को कॉन्फिडेंस में लेकर पाकिस्तान पर हमला करना एकमात्र विकल्प है । 
पुलवामा हमले के बाद यह एक भयानक नरसंहार है।
इस्लामी जिहाद विश्व के लिए खतरा बन चुका है
  इस्लामिक आतंकवाद भारत के आंतरिक एवं सीमा क्षेत्र पर हमलावर है। यह तथ्य सभी जानते हैं कि - ऐसे हमलों का सीधा संबंध पाकिस्तान से ही होता है।
22 अप्रैल 2025 को दोपहर करीब 2:30 बजे, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित पहलगाम की बैसरन घाटी में एक भीषण आतंकी हमला हुआ। इस हमले में आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें दो विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। कई लोग घायल हुए, जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। 
 आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF), जो लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन माना जाता है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली
भारतीय सेना की विक्टर फोर्स, स्पेशल फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस की एसओजी और सीआरपीएफ ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। गृह मंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। भारत के प्रधानमंत्री भी अपना द्वारा स्थगित कर वापस भारत आ चुके हैं। 
 सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि हमले से पहले अप्रैल के पहले हफ्ते में आतंकियों ने पहलगाम के पर्यटन स्थलों की रेकी की थी 
    इस हमले ने विश्व समुदाय को झकझोर दिया। प्रेसिडेंट ऑफ़ इंडिया द्रौपदी मुर्मू ने इसे "निर्दयी और अक्षम्य" बताते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रति समर्थन जताया, आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में छेड़ने के लिए ट्रंप एवं पुतिन सहित हर राष्ट्र एक होना ही चाहिए । संयुक्त राष्ट्र ने भी हमले की निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत पर जोर दिया। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पाकिस्तान को यू एन सदस्यता से हटाना होगा।
 कई देशों, जिनमें ब्रिटेन, फ्रांस और जापान शामिल हैं, ने इस कायराना कृत्य की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता दिखाई। स्थानीय स्तर पर, श्रीनगर में कैंडल मार्च निकाला गया, जिसमें कश्मीरी नागरिकों ने आतंकवाद के खिलाफ गुस्सा और एकता प्रदर्शित की।
इस हमले ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग की आवश्यकता को फिर से उजागर किया। पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में आतंकवाद को पनाह देते हैं 
सांप्रदायिक आतंकवाद और भारत की छवि
यह हमला भारत की सांस्कृतिक और पर्यटन छवि को धूमिल करने की साजिश है। आतंकियों ने कथित तौर पर पर्यटकों का धर्म पूछकर और हिंदुओं को निशाना बनाकर सांप्रदायिक नफरत को भड़काने की कोशिश की। भारत के भीतर ही कुछ तत्व अपनी राजनैतिक लिप्सा तथा मुस्लिमों का मसीहा बनने की कोशिश करते हैं। 
   ताकि भारत को सांप्रदायिक हिंसा का केंद्र दिखाकर उसकी वैश्विक छवि को नकारात्मक रूप से प्रस्तुत करते हैं।
 हमें ऐसे लोगों को बंधक बनाकर देना सुधार केन्द्रों में रख देना चाहिए। 
भारत की एकता और विविधता ही उसकी ताकत है, जिसे कमजोर करने की कोई साजिश कामयाब नहीं होनी चाहिए।
पहलगाम हमले ने साबित किया कि दक्षिण एशिया से आतंकवाद को खत्म करने के लिए पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराना जरूरी है। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इस हमले में पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। जब तक पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन के लिए छोटा नहीं किया जाता, इस क्षेत्र में शांति असंभव है। भारत सरकार ने सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं, और सेना ने आतंकियों की तलाश तेज कर दी है
पहलगाम हमला एक दुखद घटना है, जिसने भारत और विश्व समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ और मजबूती से खड़े होने का संदेश दिया। हमें इस हमले के दोषियों को सजा दिलानी होगी और उन ताकतों को बेनकाब करना होगा जो आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं। पाकिस्तान से बलूचिस्तान, सिंधु देश, के.पी.के. को आज़ाद कराना ही आतंकवाद से मुक्त साउथ एशिया की शांति का आधार है। भारत की एकता, वैश्विक सहयोग, और सख्त कूटनीतिक रुख इस चुनौती से निपटने का रास्ता है।
  भारतीय जन जन में आक्रोश है। बंगाल और कश्मीर में इस तरह की हरकतों का अंत करने का एकमात्र विकल्प है कि इसे पाकिस्तान का आर्मी हमला मानते हुए पाकिस्तान पर मिसाइल दागनी आवश्यक है

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