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शुक्रवार, 12 नवंबर 2010
अंतर्वेदना का चित्र गीत : उत्तमा दीक्षित की तूलिका लता जी मदन मोहन साहब के सुर


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अद्वितीय...अनुपम...अद्भुत...अलौकिक...आनन्द की अनुभूति...आभार
जवाब देंहटाएंउत्तमा जी की तूलिका को स्वर देने का आपका यह अन्दाज निराला है
जवाब देंहटाएंवाह...मिल गया...इस गीत को मैं कब से ढूंढ रहा था, पूरा सुना और डाउनलोड भी कर लिया। बहुत ही प्यारा गीत है, क्या अनोखी धुन बनाई है मदन मोहन साहब ने, सभी 12 सुरों का प्रयोग किया है।...दुर्लभ गीत है ये। मैं भी इस गीत को कभी कभी वायलिन पर बजाने की कोशिश करता हूं।
जवाब देंहटाएं...आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
बढ़िया प्रस्तुति..आनंद आ गया ...
जवाब देंहटाएंउत्तमा जी तो सर्वोत्तम हैं जी
जवाब देंहटाएंअविनाश जी सभी आदरणीयों का आभार
जवाब देंहटाएंfilm Rajendra Sigh Bedi ki thi dastak ek drishya dashkon baad bhi mere jehan men hai. Madan Mohan ki awaj men yah geet kamal ka hai.
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