तुम चुप क्यों हो कारण क्या है ? |
जलते देख रहे हो तुम भी, प्रश्न व्यवस्था के परवत पर । क्यों कर तापस वेश बना के, जा बैठै बरगद या छत पर ॥ |
अस्ताचल ने भोर प्रसूती, उदयाचल से उभरी शाम । |
एक दिवंगत सा चिंतन ले, चेहरों पे ले बेबस भाव । व्यवसायिक नकली मुस्कानें , मानस पे है गहन दबाव ॥ समझौतों के तानेबाने क्यों बुनते हो कारण क्या है ? |
भीड़ तुम्हारा धरम बताओ-क्या है, क्या गिरगिट जैसा है । किस किताब से निकला है ये- धर्म तुम्हारा किस जैसा है ॥ हिंसा बो विद्वेष उगाते, फ़िरते हो क्यों, कारण क्या है ? |
बीता बरस एक युद्ध में, कोने-कोने जलता देश । शान्ति कपोत उड़ाने को,जगह नहीं गगन में शेष ॥ लिखो कलम के वीरो जागो, सोये क्यों हो, कारण क्या है ? |
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