प्रेम .....................
वो जो वादे मिलने के
अक्सर तुम कर देतीं हो.....!
गीत बना करते वो वादे ......
तुम मुझे मुखर कर देती हो ।
कितनी बार कहा है मैंने
वादा करके मुकर न जाना ।
प्रीत मोगरे इधर महकते
जहां न महकें उधर न जाना ।।
अब जो तुमने वादा तोड़ा
मैं सदमे से भर जाऊंगा ।
और तुम्हारी रोज़ शिकायत
गीतों से कर आऊँगा ।।
गिरीश
बिल्लोरे “मुकुल”
और तुम्हारी रोज शिकायत
जवाब देंहटाएंगीतों से कर आऊंगा...
वाह! गीतों के माध्यम से कवियों ने प्रेम को अभिव्यक्त भी किया है और विरह भी. आप क्यों पीछे रहते भला? हा हा हा