चित्र साभार : गूगल |
तस्सवुर में तुम्हारी सादगी का बोलबाला है
भरी थाली, रुके हाथ, हाथ में इक निवाला है !
तस्वीर में तुम हो, गलत अनुमान था मेरा -
जिधर भी देखता हूँ , बस तुम्हारा ही उजाला है .
ये दुनियाँ देख लगता - "हर ओर तुम ही हो .."
चाँद,सूरज,धरा, तारे, सभी को तुमने पाला है .
तुम्हारे नेह का संदल मेरे हर रोम में बाक़ी -
जितना भी दिया तुमने उसे हर पल सम्हाला है.
अजन्मे देवता जलते हैं मुझसे जानता हूँ मैं -
मैं जब कहता हूँ मुझको मेरी माँ ने पाला है…!!
मैं जब कहता हूँ मुझको मेरी माँ ने पाला है…!!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंसाझा करने के लिए शुक्रिया!
वाह ! बहुत ही सुंदर ।
जवाब देंहटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर भाव संयोजन
अतिम पंक्तियाँ बेहद प्रभावशाली है।