तुमने बिन बोले सब बोला, हम बोले तो पलक झुका लीं अपलक देखा करती मुझको, सन्मुख आके नज़र हटा लीं हमने कितनी रात बिताईं.. भोर से पहले तारे गिनके... तुम कब आओगी छज्जे पे.. बैठे है हम ले ’कर’-मनके..! तुम आईं भी देखा भी था, नयन मिले तो पीठ दिखा दी .! |
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रविवार, 3 जुलाई 2011
हम बोले तो पलक झुका लीं

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सुन्दर षटपदी!
जवाब देंहटाएंwaah
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंwah bhai wah
जवाब देंहटाएंbahut sunder geet ...
जवाब देंहटाएंsunder bhav ..
बेहतरीन.
जवाब देंहटाएंसादर
bahut badiya mukul bhai.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया...
:-)