श्रीमति जूली,प्रोफ़ेसर मटुकनाथ चौधरी |
मैंने तो चैट शो लाइव कर दिया अब बारी है आपकी प्रोफ़ेसर मटुकनाथ चौधरी और उनकी जूली जी के साथ लिव इन रिलेशनशिप की पड़ताल तो आप करेंगे. मटुकनाथ अपने इस कदम को समाज और विवाह-क़ानून व्यवस्था से किया असहमत होकर किया विद्रोह बता रहे हैं जूली उनके साथ हैं, दौनों के सतर्क हो कर तर्क देते हैं, वे मीडिया के द्वारा पहले स्टोरी के रूप में जनता के सामने आये मेरी दृष्टी में अब वे उसी मीडिया के सहारे लाइम लाईट में बने रहते हैं . पर उनका (मटुक जी का) मत है कि :-'ऐसा नहीं है वे अपनी प्रसिद्धी को कैश नहीं कर रहे हैं.(चुनाव क्यों लड़ना चाहा इसका ज़वाब इसी वार्ता में घुमा फिरा के मिला )' सवाल जब ये किया गया कि :-आप के पास विवाह के पूर्व भी अवसर था विद्रोह करने का ? तक जो उनने जो कहा उससे मटुकनाथ जी का मनो-वैज्ञानिक स्वरुप सामने आया उसका मुझे पहले से ही अंदाजा था. वे स्वीकारते हैं कि प्रथम पत्नी को वे स्वीकारने तत्पर हैं -. और बहुत से खुलासे हुए इस शो में आप सुनिए और बताइये आप क्या सोचते हैं
मटुक जी का ब्लॉग::-मटुकजूली -पिंजर प्रेम प्रकासियाइस वार्ता का उद्दयेश्य भारतीय सामाजिक परिवार व्यवस्था को परखना था भारत में कई और 'मटुक और जूली' कथानक हैं और अब तो इन कथानकों में आये दिन वृद्धि हो रही है . अब ज़रुरत है गंभीर चिन्तन की,
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणियाँ कीजिए शायद सटीक लिख सकूं