Abhaas - Tum Mere Ho - SVOI -
"खदानों के पत्थर जो अनुमानतें हैं मेरे घर की बुनियांदें वो जानते हैं " इज़हारे इश्क का हौसला हा ! हा !! हा !!! आभास ने किया था 17 की उमर में :- इज़हार-ए-इश्क़ सच सत्रह का था तब इधर हम तो इज़हारे तमन्ना नहीं कर सके थे 25 के हुए तब तक, शादी के बाद ही कह पाते थे हमारे दौर के लोग :-"I love you" और वह भी कभी एकांत में अकेले में. कहते भी खैर छोड़िये उस दौर की रूमानियत को जो दौर है उसी के सात कदम ताल कीजिये. पर इश्क के सही मायने बच्चों को अब बता देना ज़रूरी है अब जब कि आज का दौर तो साड़े आठ बरस में की उम्र पर्याप्त हो गई "I love you" पूरा दिन में से जितना भी समय मिले बच्चों के साथ गुज़ारने के लिये थोड़ा वक़्त न मिले सम्भव नहीं... वरना फ़िर न कहिये जी बिलकुल न कहियेगा तौबा-तौबा आज़ के दौर के इज़हारे- इश्क़ -ने तो उम्र,तहजीब,तमीज़ की सारी हदैं पार कर दीं.
बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंयह एपिसोड हमने देखा था और जबलपुर वासी होने पर गर्व किया था .. लेकिन आज यह देखकर किंचित दुख भी हुआ .. इतने सारे सेलेब्रेटीज़ के बीच दिखाई देने वाला आभास आज कहाँ है ? यह ग्लैमर की दुनिया का कैसा सलूक है एक उभरते हुए कलाकार के साथ ?
जवाब देंहटाएंआभास के लिए हरपल हमारी शुभकामनाएँ.
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