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गुरुवार, 4 मार्च 2010
अदा जी की आवाज़ में सुनिए तेरी आँखों के सिवा
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जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में।
शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी
छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन
सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर
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वाह!!!
जवाब देंहटाएंThenks jeeju
जवाब देंहटाएंअह्हा!! बहुत मधुर!
जवाब देंहटाएंमाधुर्य का जादू
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
उतर गयी है अन्तर में यह मीठी आवाज सदा से !
जवाब देंहटाएंआभार प्रस्तुति के लिये !
कई बार सुन चुकी हूँ यह गीत अदा जी की आवाज में ..हर बार पहले से अधिक मधुर लगी ...!!
जवाब देंहटाएंअदाजी की आवाज में ऐसे ही गाने सुनाते रहें, हम पर मेहरबानी होगी। बहुत ही दिलकश आवाज।
जवाब देंहटाएंवाह वाह बहुत अच्छा लगा। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंलता जी के बाद कौन, अब ये फ़िक्र करने की ज़रूरत नहीं है...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
manmohak...dil ko छ्oo lene vali aavaaz..ek maulik ''adaa'' hai is aavaaz me..ek kashish bhi hai. kaash.....
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जवाब देंहटाएंयह क्या अदा जी,
" तेरी आँखों के सिवा रक्खा क्या है ?"
अजी, + 1.25 का चश्मा रखा है, जिसके बिना यह अँखियाँ कुछ भी नहीं !
aap sabne itna mujhe samman diya sach mein nishabd hun..
जवाब देंहटाएंmeri chhoti si koshish thi aapko acchi lagi ...hriday se aabhaari hun..
अदा दीदी के क्या कहनें , इनकी आवाज तो जैसे ही कान में घुलती है बस तब पुछो मत , इनकी आवाज सच में इतनी मिठी है कि बार-बार सुनने को मन करता है , बहुत ही सुन्दर गाया आपने ।
जवाब देंहटाएंWaah! bahut sundar madhur gayan...Dhanywaad!
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