फिर छिड़ी रात बात फूलों की एक मधुर मदिर तमन्ना ! इश्क का ये रूप देखिये प्यार की ख़ूबसूरत रिवायतों से रूबरू कराते ये गीत मुझे अपने पहले प्यार की और खीचता उस दौर तक ले गया जब मेरी प्रिया ने देखे थे कुछ सपने और मैं उनको देखते ही गुनगुनाता थातब प्रिया ने देखे थे सपने और कहा था करोगे याद तो ...हर बात याद आएगी आज सच हुई तुम्हारी बातें प्रिया . सच तुमको खोने के बात तुम्हारी तलाश में जब
रुक जातें हैं कदम तुम्हारा कहीं आस पास होने का एहसास होते ही अपने आप माँगने लगता कुछ सामान बिन तुम्हारे मुझसे अब ये गीत ...गाया भी नहीं जाता
कहाँ हो प्रिया तुम अब भी लौट आओ मेरे उदास बेबस दिल की =>तमन्नाओं के मचल जाने के लिए
कहाँ हो प्रिया तुम अब भी लौट आओ मेरे उदास बेबस दिल की =>तमन्नाओं के मचल जाने के लिए
बहुत सुंदर जी
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा रचना । बधाई
जवाब देंहटाएंbahut khub sare gane fir se sunane ki ichha ho gayi sare gito ko milakar bhut pyari rachana bnai hai.
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