साँसों के उस पार
मदालस आभास देता है
तब एक जीवित सत्य होता है
उजागर जिसे
संवेदित हो बरबस कहते मृत्यु
सच तो ये है
मेरे तुम्हारे मिलन के
शोकगीत जारी रहेगें
अगले कुछ दिन भूल जाएंगे
ओ प्रियतमा मृत्यु
हमारे अभिसार वाला
अनंत विस्तार वाला
पल कहो कब आएगा
देह सत्य नहीं एक आभास है
सत्य तो बस तुम्हारे साथ है ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणियाँ कीजिए शायद सटीक लिख सकूं