Wikipedia
खोज नतीजे
सोमवार, 28 मई 2012
याद आये रात फिर वही
ताजमहल के शहर से मैं दीप्ति शर्मा , इंजिनियरिंग कर चुकी,
सूत्रों प्रयोगों से दूर मन सोच को स्पर्श करता है और सोच उँगलियों को रफ्तार देते हैं यही रफ्तार जिन्दगी को आगे बढ़ा रही है, और साथ में मुझे भी
बस यहाँ रहकर खुद की पहचान तलाश रही हूँ ।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
ad
कुल पेज दृश्य
-
अध्याय 01 में आपने पढ़ा कि किस प्रकार से वामपंथी और भारतीय सहित्यकारों ने इतिहासकारों के साथ मिलकर इस मंतव्य को स्थापित कर दिया कि...
-
आमतौर पर अपने आप को इंटेलेक्चुअल साबित करने वाले लोग आत्मा के अस्तित्व को अस्वीकार करते हैं ! जो लोग परंपरागत विचारों को मानते हैं वह आत्म...
-
(Girish Billore Mukul, Independent Writer and Journalist) Since the Taliban's return to power in 2021, new geopolitical equations have...

Deepti Super
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर..............
जवाब देंहटाएंBahut sundar, Deepti ji.
जवाब देंहटाएंTera haar jo toota tha...
...uske moti khojte arsa raha..
aur chehre par nam pani jo pada..
Phir yaad aayi bisri baat wahi...
Barsaat wahi....