सच बताएं आज का वैलेंटाइन हमको सूट नहीं किया. सुबह सवेरे उनने हमसे कहा उपर गमलों से कुछ फ़ूल तोड़ लाएं . राजीव तनेजा जी की तरह हमने वी आर द बेस्ट कपल बने रहने के लिये उनकी हरेक बात मानने की कसम खाई थी. सो बस बाबूजी ने छत पे जो लगाया है उस बगीचे से खूब सारे फ़ूल तोड़े सीढ़ीयों से उतर ही रहे थे कि बाजू वाली सलोनी भाभी ने देखा बोली:- अरे वाह, इतने गुलाब..किस लिये ले जा रहें हैं ?
जी, पूजा के लिये ले जा रहा हूं...?
वो हमारे भोंदूपने पे ठिलठिला के हंस दीं बोली :- भाई साब, बड़े भोले हो या हमको मूर्ख समझते हो.
हम:-"न भाभी सच पूजा के लिये ही हैं ! यक़ीन कीजिये "
सलोनी भाभी: अच्छा..? तो ठीक है एक मुझे भी दे दीजिये ..हंसते हुए बोलीं पूजा के लिये , आ रही हूं..!
हम बाहर आंगन में उनका इंतज़ार करने लगे . श्रीमति जी तक उनकी आवाज़ जा चुकी थी सो श्रीमति जी झट बाहर आईं. उनने देखा कि हम सलोनी भाभी को गुलाब दे रहें हैं. बस दहकने लगीं गुलाब सी . और फ़िर क्या दिन भर जारी जंग तब जाकर रुकी जब सलोनी भाभी ये बताने घर आई की हमारी ननद पूजा ने आपके घर का गुलाब अमय को दे दिया दुआ कीजिये दौनों की जोड़ी पक्की हो जाए आज़ वैलेंटाइन डे है न मैं भाई साब से गुलाब ले गई थी पूजा के लिये.
अब क्या मिसाल दूं इस प्रेम पर्व की
अब क्या मिसाल दूं इस प्रेम पर्व की
Hey Bhagwaan! HUm Naariyaan bhi naa.......:)
जवाब देंहटाएंजोड़ी पक्की हो जाए आज़ वैलेंटाइन डे है न
जवाब देंहटाएंप्रेम दिवस पर इस प्रकार की हरकत कोई भी पत्नी कैसे स्वीकार करेंगी?
जवाब देंहटाएंहरि ओम इस वेलेन्टाईन डे के लिए..
जवाब देंहटाएं:-)
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी विक्टिम हूं अपराधी नही
जवाब देंहटाएंहा हा हा
समीर भाई जै बजरंग बली
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