इस तस्वीर की नायिका की मनोदशा उजागर करती कविता का इन्तज़ार रहेगा
अन्तिम तिथि : २५/१२/२०१० शाम ५ बजे तक
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गुरुवार, 23 दिसंबर 2010
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आज फिर से
जवाब देंहटाएंयाद आये तुम
आँखें नम हुई
विगत स्मृतियों ने
बहुत रुलाया,
आज फिर से
याद आये वो दिन
जब तुम मेरी जुल्फों को
सवांरा करते थे
मैं रूठा करती थी
तुम मनाया करते थे,
लेकिन कब तक
कब तक मैं यूँ ही
तेरी यादों के सहारे जीती रहूँ
कब तक
ज़हर जुदाई का पीती रहूँ!
कब तक ????
कविता ? इस पर तो महाकाव्य लिखा जा सकता है हाहाहा ।
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