कविता
तुम मैं और हम सब
चुनते हैं ज़िंदा सुलगते सवाल
सवाल जो सुर्ख हैं
उन घावों की तरह
जिनसे बहता है खून
जो अब नहीं उबलता
बस बहता है हमारी नसों पर या
सडकों पर
बस केवल सिद्ध करने "श्रेष्ठता"
मैं सोचता हूँ कह दूं
मानव जनित आपदाओं से
रुक जाओ एक पल के लिए
मैं जीना चाहता हूँ .....
एक पल शान्ति के साथ
जिससे मुझे प्रेम है ..!!
बहुत अच्छी जानकारी के लिए आभार .
जवाब देंहटाएंशुक्रिया अशोक जी
जवाब देंहटाएंपता नही व्याकरण दोष हो सकता है.
जवाब देंहटाएंHervorragende Zusammensetzung und großem Aufwand zu ...
जवाब देंहटाएंHervorragende Zusammensetzung und großem Aufwand zu ...
जवाब देंहटाएंبہت اچھی تخلیق.. آپ بہت اچھا کوشش کر رہے ہیں...
जवाब देंहटाएंبہت اچھی تخلیق..
जवाब देंहटाएंवाह.
जवाब देंहटाएंजर्मन भाषा मे तो अनर्थ कर रखा हे जी :)
जवाब देंहटाएंما هو عليه ، كما نرى أنه كان مجرد متعة الحديث مثل أصدقائنا الفلسطينيين في اللغة العربية
जवाब देंहटाएंऐसे क्या देख रहे हैं जो हमने लिखा है उसका यह अरबी मे अनुवाद है . लेकिन मशीन का अनुवाद है भाई यह अर्थ का अनर्थ भी कर देता है
क्या बात है , यह देखकर ही मज़ा आ गया हम अपने फिलीस्तीन के दोस्तों से ऐसे ही अरबी में बात करते हैं
jee Sharad jee sahee kahaa aapane
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा ,,,,,
जवाब देंहटाएंगिरीश जी बधाई स्वीकार करें...